सामान्यतः लोग अपने परिवार के वरिष्ठ लोगो की बात सुनकर प्रतिदिन या दिन में कई बार अपनी आंखे धोते हैं
बार -बार आंखे धोने के पीछे लोगो का ये सोचना है की आँखे धोने से आँखों की गंदगी और कीचड़ बाहर निकल जाती है और वे ताजगी महसूस करते हैं
पर सच्चाई यह है की आँखों का अपना सफाई सिस्टम होता है जो हर बार पालक झपकने से साथ ही आँखों की सफाई होती है अतः अतिरिक्त सफाई की जरुरत नहीं होती
आँख धोने की नुकसान-
1 – आंसू आँख की सतह है लिए अनुकूल (अच्छे) होते है जिसमे आँखों के अनुकूल pH , अच्छे बैक्टीरिया एवं विशेष तत्व होते है जिससे आंसू जल्दी वाष्पीकृत (हवा में सुख जाना) नहीं होते और आँखों की नमी को लम्वे समय तक बनाये रखते हैं धोने से ये सब हट जायेंगे ।
2 – साधारण पानी में कई प्रकार के बैक्टीरिया , फंगस एवं पैरासाइट होते है जो की आँखों को नुकसान पंहुचा सकते है।
3 – पानी में क्लोरीन होती है जो की आँखों के लिए ठीक नहीं है ।
4 – पानी में कई प्रकार की कीटनाशक या दूसरे केमिकल मिले हो सकते हैं ।
5 – RO के पानी से भी नहीं धोना चाहिए क्योकि यह पानी भी आंसू के बराबर नहीं है ।
आंखे कब धोना चाहिए- जब आँख के अंदर कुछ चला जाये तब साफ पीने के पानी से धोना चाहिए, रोज नहीं